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IAS Sanjeev Hans: किसी ‘और’ के लिए IAS संजीव हंस को बचाया जा रहा? आखिर एक्शन के लिए ED को किसका इंतजार, जानें

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Sep 14, 2024


पटना: बिहार के IAS अधिकारी संजीव हंस के करीबियों के यहां दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में ईडी का सर्च ऑपरेशन पूरा हो गया। छापेमारी में नकद, सोने-चांदी के जेवर और इनवेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट बरामद हुए। इससे पहले जुलाई में भी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के सीएमडी भी थे। बिहार में स्मार्ट मीटर लगाओ अभियान को लागू करने में इन्होंने काफी तेजी दिखाई थी। इस स्मार्ट मीटर के खिलाफ अभी भी विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो संजीव हंस ने अपनी ‘कमाई’ से चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉर्ट खरीदा। बताया गया कि संजीव हंस की सख्ती की वजह से बिहार में प्रीपेड मीटर की इतनी डिमांड बढ़ाई कि मीटर वालों ने मर्सिडीज कार गिफ्ट में दे दी। चंडीगढ़, गोवा और पुणे में संजीव के पास प्रॉपर्टी की ऐसी चेन है, जिसकी जांच में ईडी भी चकरा गई। अब तो संजीव हंस के करीबी भी मालदार निकल रहे हैं।

सेकंड राउंड की छापेमारी को लेकर ED ने क्या कहा

बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस के करीबी विपुल बंसल, एसके खान और पुष्पराज बजाज के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में हुई इस कार्रवाई में ईडी को 87 लाख नकद, सोने के आभूषण, 13 किलो चांदी और रियल एस्टेट निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘ईडी, पटना ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत संजीव हंस, आईएएस और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10.09.2024, 11.09.2024 और 12.09.2024 को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में 5 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। धन-शोधन गतिविधियों में उनकी संलिप्तता और सहायता के लिए संजीव हंस, आईएएस के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी ली गई। तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न अपराध-संकेती दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, 87 लाख रुपए की अस्पष्टीकृत नकदी, 11 लाख रुपए (लगभग) की कीमत के 13 किलोग्राम चांदी के सिक्के और 1.5 करोड़ रुपए (लगभग) के 2 किलोग्राम सोने के सिक्के और आभूषण बरामद करके जब्त किए गए हैं।’

पहले राउंड की छापेमारी में छिना नौकरशाही का रूतबा

कुल मिलाकर IAS संजीव हंस मुश्किलें कम नहीं हो रही है। पहले खुद के ठिकाने पर छापेमारी हुई। अब करीबियों पर दबिश दी गई। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके और उनके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में हुई छापेमारी में ईडी को करोड़ों की संपत्ति हाथ लगी है। इसमें सोना, चांदी और नकदी शामिल है।

ईडी की पहली कार्रवाई के बाद बिहार सरकार ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस का तबादला कर दिया। फिलहाल इनकी पोस्टिंग सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी थे। संजीव हंस के खिलाफ ईडी जांच कर रही है। उन पर आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इससे पहले एक रेप केस में भी संजीव हंस फंसे थे, हालांकि पटना हाईकोर्ट से उनको राहत मिल गई।

किसी ‘और’ के लिए IAS संजीव हंस को बचाया जा रहा?

ईडी ने बताया कि संजीव हंस पर ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में की गई है। ये छापेमारी तीन दिनों तक चली, जिसमें दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में उनके पांच ठिकानों को खंगाला गया। ईडी को इस दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं, जो हवाला और बैंकिंग लेनदेन के जरिए गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं। ईडी ने छापेमारी की डिटेल भी मीडिया से शेयर की है।

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ईडी ने बताया कि संजीव हंस के खिलाफ ये पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी जुलाई और अगस्त महीने में पटना, दिल्ली, पूणे, हरियाणा और पंजाब में उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। इस दौरान करीब 80 लाख रुपए के सोने के जेवरात और 70 लाख रुपए की बेशकीमती घड़ियां बरामद हुई थीं। पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये है कि ईडी ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ईडी को एक्शन लेने के लिए किसी की हरी झंडी की जरूरत है? क्या पूरे डिपार्टमेंट में सिर्फ संजीव हंस ही गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार हैं?

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