यूपी के गाजीपुर में स्थित डिलियां गांव की यादव बस्ती में रविवार की दोपहर जो कुछ हुआ, ऐसा न तो कभी किसी ने कल्पना की थी और न ही कभी ऐसा हुआ था। इस वारदात से पूरा पूर्वांचल हिल गया। रविवार की दोपहर में गांव में सब कुछ सामान्य था लेकिन बहन के नाम पर खेत किए जाने से नाराज भाई अभय ने दो मिनट के अंदर करीब 15 फीट के दायरे में बहन, पिता और मां की लाशें बिछा दीं। नौ अगस्त को रक्षाबंधन की तैयारी में बहन कुसुम जुटी हुई थी। लेकिन हत्यारोपी अभय ने रक्षाबंधन से पहले गांव में खून की होली खेल ली।


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ghazipur triple murder
– फोटो : अमर उजाला
बेटा ही नहीं बहू भी थी नाराज
शिवराम यादव का मुख्य मार्ग पर गांव में भी एक मकान है, वहीं से करीब 50 मीटर दूर खेत में निर्माणाधीन घर और पशुशाला है। यहीं पर वह मवेशियों की देखभाल करते थे। परिवार का खाना-पीना भी यहीं होता था। रोजाना की तरह बहू मुन्नी ने खाना बनाया और परिवार के लोगों ने उसे खाया। इसके बाद वह अपनी सास जमुनी देवी के साथ कमरों की गोबर से लिपाई कर रही थी। इधर, बहन को खेत की रजिस्ट्री करने पर अभय अपने पिता से झगड़ रहा था। बहू भी सास से झुंझला रही थी।

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मृतक कुसुम यादव की फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कुसुम को खेत में दौड़ाकर काटा
इसी बीच बात बढ़ गई, तभी कुसुम स्कूटी से वहां पहुंच गई। वह स्कूटी पुराने घर पर खड़ी कर निर्माणाधीन मकान की तरफ बढ़ रही थी, तभी अभय कुल्हाड़ी लेकर दौड़ पड़ा। अभय को देख हेलमेट पहने कुसुम धान के खेत की तरफ भागी, लेकिन अभय ने कुल्हाड़ी से कई वार कर बहन को मार डाला।

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पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बचाने आए पिता और मां को भी उतारा मौत के घाट
यह देख बचाने के लिए दौड़े 70 वर्षीय पिता शिवराम को भी अभय ने कुल्हाड़ी से काट दिया। चीख पुकार पर लिपाई कर रही मां जमुनी देवी भी गिरते भागते झोपड़ी से निकली ही थीं कि उनकी भी अभय ने हत्या कर दी। खूनी खेल खेलकर हत्यारोपी बाइक से पत्नी और बच्चों के साथ मुख्य मार्ग से भाग निकला।

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ट्रिपल मर्डर के बाद मौके पर पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कुछ दिन पूर्व हुई थी पंचायत
ग्रामीणों ने बताया कि खतौनी पर बहन कुसुम का नाम चढ़ा देख अभय आगबबूला हो गया। वह रिश्तेदारों एवं अन्य लोगों से इसे लेकर बात करता था। ग्रामीणों ने बताया कि भूमि विवाद को लेकर रिश्तेदारों एवं कुछ लोगों के साथ पंचायत भी हुई थी लेकिन अभय और उसकी पत्नी के मन में भूमि की कसक ऐसी थी कि उसके सिर पर खून सवार हो गया था।