मुंबई में एक आइफोन 11 ग्राहक को माइक्रोफोन की समस्या के कारण निराशा हाथ लगी। सर्विस सेंटर ने नियमों का हवाला देकर फोन लौटाने से इनकार कर दिया। उपभोक्ता आयोग ने एपल इंडिया और क्रोमा को सेवा में कमी का दोषी पाया और आइफोन की लागत 65264 रुपये कानूनी वारिसों को वापस करने का आदेश दिया।
पीटीआई, मुंबई। आइफोन 11 का माइक्रोफोन के खराब निकलने पर जब खरीदार सर्विस सेंटर पहुंचा तो नियमों का हवाला देते हुए उसे लौटा दिया गया। बार-बार की शिकायतों और ईमेल के बावजूद समाधान नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। अब आयोग ने एपल इंडिया और क्रोमा को आइफोन के ग्राहक के कानूनी वारिसों को आइफोन की लागत राशि वापस करने का आदेश दिया।
दोनों कंपनियों को मिलकर यह रकम चुकानी होगा। आयोग ने दोनों कंपनियों को सेवा में कमी का दोषी ठहराया गया। जिस व्यक्ति ने आइफोन खरीदा था उसकी मौत हो चुकी है।
आइफोन की कीमत 65,264 रुपये वापस करने का निर्देश
मुंबई उपनगर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दोनों कंपनियों को शिकायत की तिथि (6 अगस्त, 2021) से वास्तविक भुगतान की तिथि तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित आइफोन की कीमत 65,264 रुपये वापस करने का निर्देश दिया।
दोनों कंपनियों को ग्राहक के परिवार को मानसिक पीड़ा के लिए 15,000 रुपये तथा कानूनी खर्च के लिए दो हजार रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया गया।आयोग ने इस महीने की शुरुआत में पारित आदेश में कहा कि आइफोन निर्माता और विक्रेता दोनों उचित सेवा नहीं देने के लिए उत्तरदायी हैं, क्योंकि दोनों कंपनियां ग्राहक द्वारा खरीदे गए फोन को ठीक नहीं कर सकीं।
विक्रेता (क्रोमा) को भी कोर्ट ने लगाई फटकार
मुंबई उपनगर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि निर्माता (एपल) द्वारा केवल हार्डवेयर में क्षति का उल्लेख करना ग्राहक की शिकायत का सही समाधान नहीं हो सकता। विक्रेता (क्रोमा) भी केवल यह कहकर उत्तरदायित्व से बच नहीं सकती कि दोष आइफोन बनाने वाली कंपनी एपल का है। जब प्रोडक्ट उसके आउटलेट के जरिये बेचा गया।
क्रोमा को सुनिश्चित करना चाहिए था कि प्रोडक्ट में गड़बड़ी न हो और उपयोग योग्य लायक हो। गौरतलब है कि शिकायतकर्ता ने चार जून 2021 को मुंबई के क्रोमा स्टोर से 65,264 रुपये में आइफोन 11 खरीदा था। खरीदने के कुछ समय बाद इसमें समस्या शुरू हुई।