Israel Gaza War News: इजरायल की सेना पर आरोप लगा है कि वह गाजा से गधों की चोरी कर रही है। इन गधों को इजरायल के रास्ते फ्रांस पहुंचाया जा रहा है। इससे फलस्तीनी भड़के हुए हैं जिनके लिए यह गधे लाइफलाइन हैं।

इन गधों को बीमारी और इलाज के नाम पर वहां से निकाला गया था। खाड़ी पर नजर रखने वाली मिडिल ईस्ट मॉनिटर वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली सेना ने इन गधों के फलस्तीनी मालिकों को अनदेखा किया। ये फलस्तीनी आवश्यक सामानों की सप्लाई के लिए इन गधों पर निर्भर थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सशस्त्र संघर्ष के दौरान किसी आम नागरिक की संपत्ति को जब्त करना युद्धापराध है। कान की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गधों को पहले मोशाव हारोट ले जाया जा रहा है जो तेलअवीव के दक्षिण में स्थित है।
गाजा में गधे सोने से ज्यादा कीमती
कान ने बताया कि 18 मई को 58 गधों को इजराय के बेन गुरियन एयरपोर्ट से बेल्जियम पहुंचाया गया और वहां से इन्हें फिर फ्रांस और बेल्जियम के शेल्टर होम में ले जाया गया। इजरायल के इस कदम से फलस्तीनी भड़के हुए हैं। फलस्तीनी लोगों का कहना है कि गाजा की सड़के तबाह हो चुकी हैं और गधे ही अब यहां पर एकमात्र ट्रांसपोर्ट का तरीका है जिससे सामानों को भेजा जा सकता है। इसके जरिए सामान पहुंचाया जाता है, परिवारों को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाना और घायलों को आसानी से ले जाना संभव हो पाता है। इजरायली जहां दावा कर रहे हैं कि वे गधों को इलाज के लिए निकाल रहे हैं तो दूसरी ओर फलस्तीनी इसे लूट बता रहे हैं।
आलम यह है कि गाजा में ईंधन की कमी हो गई है जिससे अब वहां के लोगों के लिए गधे सोने से भी ज्यादा कीमती हो गए हैं। गाजा में 24 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। गाजा के लोग गधे का मांस खाकर अपना जीवन गुजार रहे हैं। गाजा में कुछ समय पहले तक भारतीय रुपये में एक गधे की कीमत करीब 64 हजार रुपये तक पहुंच गई थी। इस बीच गाजा में हमले का दौर जारी है। इजरायल समर्थित अमेरिकी सहायता संगठन ने बुधवार को कहा कि वितरण केंद्र के निकट 20 फलस्तीनियों की मौत हुई है। इससे पहले अस्पताल के अधिकारियों ने बताया था कि इजराइली हमलों में 11 बच्चों समेत 41 लोगों की मौत हुई है।
खान यूनिस में भगदड़, 19 की मौत
‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फंड’ ने कहा कि दक्षिण गाजा के खान यूनिस शहर में स्थित वितरण केंद्र पर 19 लोगों की मौत भगदड़ में कुचलने से हुई जबकि एक व्यक्ति की हिंसा के दौरान चाकू मारकर हत्या कर दी गई। संगठन ने हमास पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसकी वजह से हिंसा हुई। हालांकि संगठन ने अपने इस दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मई से अब तक सहायता प्राप्त करने की प्रतीक्षा करते समय, जीएचएफ वितरण केन्द्रों या दूसरी जगहों पर लगभग 850 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इजराइली हमलों में उत्तरी गाजा में 11 बच्चों समेत 22 लोग मारे गए जबकि खान यूनिस शहर में 19 लोगों की मौत हुई है। इज़राइली सेना ने कहा कि उसने पिछले 24 घंटे में गाजा में 120 से ज़्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें हमास की सुरंग और हथियार भंडारण केंद्र भी शामिल हैं।