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अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: आकाश दुबे
Updated Wed, 18 Sep 2024 07:19 PM IST
हादसे के बाद सरकारी सहायता कोई पहुंच पाती, इससे पहले ही लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए आनन-फानन में मलबा उठाने लगे।
करोल बाग हादसा – फोटो : अमर उजाला
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बुधवार सुबह तकरीबन 9:15 बजे बज रहे थे। करोल बाग की संकरी गलियों में नजारा आम दिनों की तरह था। लोगों का अपने काम पर आना-जाना लगा हुआ था। कुछ बच्चे भी गली में चहलकदमी कर रहे थे। इसी बीच गली की एक इमारत भरभराकर गिरी। धमाके से बगल के मकान हिल गए और धूल का गुबार आस-पास के घरों में दाखिल होता है। इससे पहले लोग कुछ समझ पाते, चारों ओर चीख-पुकार मच गई। गली में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बचाओ-बचाओ की चीख पुकार से पूरा इलाका गूंजने लगा।