अदालत ने कोलकाता के लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत मंगलवार को बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी। इन तीनों में मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा और दो अन्य छात्र – जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं।

कोर्ट ने आरोपियों की हिरासत 8 दिन बढ़ाई
छात्रा से गैंगरेप मामले के मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा और दो अन्य छात्र- जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं। मिश्रा ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी था। इसी कॉलेज में 25 जून की शाम को यह घटना घटी थी। इन तीन आरोपियों को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें शुरू में चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। मंगलवार को अलीपुर अदालत में पेश करने पर उनकी पुलिस हिरासत आठ दिन बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी गई। पुलिस हिरासत की अवधि सरकारी वकील और जांच अधिकारी के अनुरोध के बाद बढ़ाई गई, जिन्होंने आरोपी से पूछताछ के लिए और समय मांगा था।
आरोप साबित होने से पहले कोई मीडिया ट्रायल न हो-कोर्ट
सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपियों – मिश्रा, अहमद और मुखर्जी – के वकीलों ने जमानत याचिका दायर नहीं की, बल्कि अदालत को बताया कि आरोपी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने में मदद करने के इच्छुक हैं। उन्होंने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आरोप साबित होने से पहले कोई मीडिया ट्रायल न हो और अनुरोध किया कि इस प्रक्रिया में अभियुक्त को परेशान न किया जाए। बचाव पक्ष के वकील ने अनुरोध किया कि उन्हें आरोपियों के साथ अपराध स्थल पर जाने की अनुमति दी जाए तथा पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ के दौरान भी उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए।
आरोपियों के फोन जब्त कर लिए
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि जांचकर्ताओं ने शिकायतकर्ता के मोबाइल की भी जांच की थी या नहीं। पुलिस हिरासत की अवधि सरकारी वकील और जांच अधिकारी की प्रार्थना के बाद बढ़ाई गई, जिन्होंने आरोपी से पूछताछ के लिए अधिक समय मांगा था।
जमानत की गुहार पर क्या तर्क?
इस बीच, गिरफ्तार सुरक्षा गार्ड के वकील ने जमानत की गुहार लगाते हुए तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अपनी ड्यूटी की जगह छोड़कर नहीं गया था। उन्होंने यह भी कहा कि गार्ड की आय बहुत सीमित है और वह किसी भी तरह से बलात्कार के कृत्य में शामिल नहीं था।
वकीलों के दो गुटों में नोकझोंक
अदालत ने हालांकि याचिका खारिज कर दी और उसकी पुलिस हिरासत भी बढ़ा दी। इससे पहले, मजिस्ट्रेट को कुछ समय के लिए सुनवाई स्थगित करनी पड़ी क्योंकि सैकड़ों वकील जो मामले से जुड़े नहीं थे, अदालत कक्ष में घुस गए थे। वकीलों के दो समूहों के बीच तीखी नोकझोंक हुई – एक पक्ष ने आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की, जबकि दूसरे ने निष्पक्ष जांच की मांग की और बाहरी लोगों के प्रवेश का विरोध किया।
डॉक्टरों को मुख्य आरोपी के शरीर पर नाखून से खरोंच के निशान मिले
उधर, मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के शरीर पर डॉक्टरों को खरोंच के निशान मिले हैं। एक उच्च पदस्थ पुलिस सूत्र ने बताया कि नाखूनों के निशान कथित यौन उत्पीड़न के दौरान पीड़िता की ओर से किए गए प्रतिरोध का संकेत देते हैं। अधिकारी ने कहा कि मनोजीत के शरीर पर चोटों के निशान हैं, खरोंच के निशान हैं। ये चोटें ताज़ा हैं। ऐसी चोटें तब लगती हैं जब कोई संघर्ष या प्रतिरोध का सामना करता है। फोन कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच करने पर कोलकाता पुलिस के नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) को अपराध के अगले दिन सुबह मनोजीत और कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. नयना चटर्जी के बीच हुई बातचीत के साक्ष्य भी मिले।