संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो कि 12 अगस्त तक चलेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को दी। इस बार का मानसून सत्र 22 दिन चलने वाला है। पहलगाम हमले के बाद हो रहा यह संसद सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि भारत के माननीय राष्ट्रपति ने 21 जुलाई से 21 अगस्त, 2025 तक संसद का मानसून सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।

संसद के दोनों सदन तीन महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद 21 जुलाई को सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले हैं। इससे पहले रिजिजू ने मीडिया को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने तारीखों की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिफारिश मंजूर कर ली है। इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।
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हंगामेदार होगा मानसून का सत्र
ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस पहले सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। वहीं आगामी सत्र के दौरान सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी तैयारी में है। जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में विपक्षी दलों से बात करने की जिम्मेदारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपी गई है।
इससे पहले संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया गया था। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और 13 फरवरी तक चला। वहीं संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू हुआ था और 4 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था।