अल्बानिया में लंबे समय से रही है बेक्टाशी परंपरा
इस्लामा की बेक्टाशी प्रथा का इतिहास 13वीं सदी के ओटोमन साम्राज्य से मिलता है। एक सदी पहले तुर्की गणराज्य के संस्थापक पिता मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने इन मान्यताओ को बैन कर दिया था। प्रतिबंधित किए जाने के बाद बेक्टाशी ऑर्डर का मुख्यालय तिराना में आ गया। अल्बानिया में बेक्टाशी ऑर्डर की एक लंबी रहस्यवादी परंपरा है। ये प्रथा पारंपरिक इस्लाम की मूल बातों का पालन करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करती है।
बेक्टाशी पंरपरा उन पुरुषों को समर्पित रही हैं, जिन्हें दरवेश के नाम से जाना जाता है। दरवेश बाबा मोंडी इस संप्रदाय के वर्तमान आध्यात्मिक नेता हैं। बाबा मोंडी बेक्टाशी के नेता बनने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि नए देश में फैसले प्यार और दयालुत से लिए जाएंगे। फिलहाल विशेषज्ञों की एक टीम अल्बानिया के अंदर नए संप्रभु स्टेट की स्थिति को परिभाषित करने वाले कानून पर काम कर रही है। बाबा मोंडी ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका और पश्चिमी देश उनके देश की संप्रभुता को मान्यता देंगे।
अल्बानिया के पीएम एडी ने इस्लामिक सूफी रहस्यवादी संप्रदाय बेक्टाशी के लिए ‘वेटिकन-शैली’ के नए देश के प्रस्ताव पर संकेत दिया कि योजनाओं की घोषणा जल्द की जाएगी, हालांकि इनके कार्यान्वयन में समय लग सकता है। एडी ने स्वीकार किया कि कुछ करीबी सहयोगियों को ही योजना के बारे में बताया गया था। अल्बानिया की नवीनतम जनगणना के आंकड़ों से पता चला है कि देश के 24 लाख लोगों में से 1.15,000 लोग बेक्टाशी में मानते हैं।