मुजफ्फरनगर पुलिस ने नकली नोटों के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 15.16 लाख रुपये की जाली मुद्रा, नोट छापने का सामान और एक कार बरामद हुई है।

गिरफ्तार युवक गौरव उर्फ जितन और अभय उर्फ तुषार ने पूछताछ में बताया कि मास्टरमाइंड अंकित ने यूट्यूब से नकली नोट बनाना सीखा और उन्हें भी यह तकनीक सिखाई। तीनों मिलकर मेरठ के पल्लवपुरम क्षेत्र के इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी में किराए के मकान में जाली नोट तैयार करते थे। इन नोटों को वे असली नोटों के बदले चार गुना मात्रा में सप्लाई करते थे। दिल्ली, यूपी सहित कई स्थानों पर इनकी सप्लाई हो चुकी है।
30 जून को लोई नहर पुल पर चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक आल्टो कार को रोका। तलाशी में भारी मात्रा में नकली नोट, प्रिंटर, पेपर शीट, इंक और अन्य छपाई के उपकरण मिले। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि नोटों में वाटरमार्क और महात्मा गांधी की तस्वीर की क्वालिटी बेहद घटिया है, जिससे उनकी पहचान आसान हो जाती है।
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आरोपियों ने कबूल किया कि वे पहले भी कई बार नकली नोटों की डील कर चुके हैं, खासतौर पर बुढ़ाना में। पुलिस के अनुसार, जिस दिन वे पकड़े गए, उस दिन वे एक बड़ी डील के लिए जा रहे थे। अंकित ने ही उन्हें भारी मात्रा में नोट छापने के लिए कहा था।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 489A, 489B, 489C, 420, 468, 471 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस की पूछताछ में और भी खुलासों की उम्मीद है। टीम को इस कार्रवाई के लिए 15,000 का इनाम दिया गया है।