बिहार कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। इसके अतिरिक्त, ‘बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना 2025’ के तहत दुर्घटना में मरने वाले व्यापारियों के परिवारों को ₹5 लाख की सहायता मिलेगी।

ईख सेवा नियमावली 2025 को कैबिनेट से स्वीकृति
कैबिनेट ने बिहार ईख सेवा नियमावली 2025 को अपनी स्वीकृति प्रदान की, जिसका उद्देश्य राज्य में गन्ना उद्योग को सुव्यवस्थित करना है। इसके साथ ही, सरकारी सेवा में लापरवाही बरतने वाले चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया, जो सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रोजगार सृजन और मानदेय में वृद्धि
बिहार सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी और रोजगार सृजन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी अपनी मंजूरी दे दी है। यह फैसला राज्य में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को अवसर प्रदान करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मतदाता सत्यापन सूची के कार्य में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और सुपरवाइजरों के लिए भी कैबिनेट ने बड़ी राहत दी है। उन्हें उनके वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त, ₹6,000 की एकमुश्त राशि देने पर स्वीकृति प्रदान की गई है। यह उनके अथक प्रयासों और महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने वाला कदम है।
शिक्षा और मेट्रो परियोजना को बढ़ावा
शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अनुदानित माध्यमिक विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों तथा शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए ₹3 अरब 94 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। यह फैसला शिक्षकों के कल्याण और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।
राजधानी पटना की लाइफलाइन बन रही पटना मेट्रो रेल परियोजना को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिली है। परियोजना के तहत प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए ₹179.37 करोड़ और ₹21 करोड़ 15 लाख की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है, जिससे मेट्रो परियोजना के कार्य को गति मिल सकेगी। इन फैसलों से बिहार के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना 2025: अब ₹5 लाख की मदद
राज्य सरकार ने ‘बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना 2025’ को स्वीकृति प्रदान की है। इस नई पहल के तहत, गैर-सहकारी (नॉन-कॉपरेट) कारोबारियों को, जो किसी दुर्घटना में अपनी जान गंवाते हैं, उनके परिवार को अब ₹5 लाख की राशि बतौर अनुदान दी जाएगी। यह योजना ऐसे छोटे और मझोले व्यापारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी जो संगठित क्षेत्र का हिस्सा नहीं हैं।
बम निरोधक दस्ते को जोखिम भत्ता
सुरक्षाकर्मियों के हित में भी एक बड़ा फैसला लिया गया है। बम निरोधक दस्ते के कर्मियों को अब उनके मूल वेतन का 30% प्रतिमाह जोखिम भत्ता के रूप में मिलेगा। यह स्वीकृति उनके अत्यधिक जोखिम भरे और महत्वपूर्ण कार्य को देखते हुए दी गई है, जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
न्यायिक सेवा के अधिकारियों के वेतन में वृद्धि
बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए भी कैबिनेट ने खुशखबरी दी है। उन्हें 1 जनवरी 2016 से राज्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वेतन वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह निर्णय न्यायिक अधिकारियों के वेतनमान को अन्य राज्य कर्मचारियों के समान लाने और उनकी सेवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।