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Pakistan Helicopter Z-9ec,भारत से मुकाबले के लिए खरीदे चीनी Z-9EC हेलीकॉप्टर बने पाकिस्तानी नेवी का सिरदर्द, उड़ान भरने तक में फेल, क्या करेंगे मुनीर? – pakistan navy helicopter z 9ec failures cripple anti submarine warfare capability report

Byadmin

Jul 27, 2025


Curated byरिजवान|नवभारतटाइम्स.कॉम

पाकिस्तान के लिए यह हेलीकॉप्टर लगातार मुश्किल का सबब बन रहा है। इसकी खराबियों की वजह से पाकिस्तानी नौसेना की एंटी सबमरीन वॉरफेयर ताकत भी कम हो गई है।

Pakistan helicopter
Z-9EC हेलीकॉप्टरों की लगातार विफलताएं पाक की परेशानी बन रही हैं।
इस्लामाबाद: हालिया वर्षों में पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) हेलीकॉप्टर किसी भी देश की नेवी के लिए अहम हथियार बनकर उभरे हैं। नौसैनिक युद्ध की स्थिति में समुद्री बेड़े की विस्तृत पहुंच, त्वरित प्रतिक्रिया और सेंसर प्लेटफॉर्म प्रदान करने का काम ASW करते हैं। पाकिस्तान ने अपनी नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए चीन से हार्बिन Z-9EC ASW हेलीकॉप्टर लिए थे। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसके नौसैनिक बेड़े, खासतौर से F-22P जुल्फिकार वॉरशिप की ताकत बढ़ेगी। हालांकि नतीजा एकदम उलट हुआ है। Z-9EC पाक नेवी की क्षमता बढ़ाने के बजाय उसके लिए सिरदर्द बन गए हैं।

पाकिस्तान के Z-9EC हेलीकॉप्टरों ने विभिन्न अभियानों में लगातार कमजोर प्रदर्शन किया है। जहाज पर लगे सिस्टम के साथ इंटीग्रेट ना होने से लेकर रोटर ब्लेड और टेल रोटर की खराबी जैसी परेशानी इसमें आ रही है। इसकी पनडुब्बी का पता लगाने की कमजोर क्षमता और समुद्री निवारक क्षमता में कमी पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को कमजोर कर रही है।

पाक नेवी के सामने चुनौती

चीनी Z-9 प्लेटफॉर्म के संस्करण हार्बिन Z-9EC को लेकर पाकिस्तानी नौसेना लगातार परेशान रही है। Z-9EC हेलीकॉप्टरों के साथ सबसे गंभीर चुनौती इसका पाकिस्तानी नौसेना के फ्रिगेट F-22P जुल्फिकार-श्रेणी के साथ एकीकरण में फेल होना है। इस विफलता ने महत्वपूर्ण ASW कार्यों को ऑपरेशन के दौरान अनुपयोगी बना दिया है।

पाकिस्तान ने खासतौर से भारतीय पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए 2006 में चीन से एंटी सबमरीन वॉरफेयर में माहिर Z-9EC हेलीकॉप्टरों की खरीद की थी। चीन ने Z-9EC हेलीकॉप्टर को पल्स कम्प्रेशन रडार, लो-फ्रीक्वेंसी सोनार, रडार वार्निंग रिसीवर और डॉप्लर नेविगेशन सिस्टम से लैस बताया। यह इस पर खरा नहीं उतरा और पाकिस्तानी नौसेना की एंटी सबमरीन वॉरफेयर की ताकत घट गई।

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पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमताओं पर प्रभाव

इन हेलीकॉप्टरों की एक और बड़ी समस्या रोटर ब्लेड और टेल रोटर में है। इससे इनके उड़ान सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़े हैं। इसके चलते इन हेलीकॉप्टरों के परिचालन में बाधाएं पैदा हुई हैं। इन खराबियों ने पाकिस्तानी नौसेना को सीमित उड़ान सीमा लागू करने पर मजबूर कर दिया है। इससे Z-9EC की रफ्तार, ऊंचाई और मिशन अवधि की क्षमता बेहद कम हो गई है।

Z-9EC हेलीकॉप्टरों में खराबी से पनडुब्बी खतरे, खासतौर से भारतीय नौसेना के पनडुब्बी बेड़े का सामना पाक नेवी नहीं कर पा रही है। इसके चलते पाकिस्तान का सतही बेड़ा ओमान की खाड़ी या कराची और ग्वादर के निकट प्रमुख नौवहन मार्गों जैसे अवरुद्ध बिंदुओं पर पनडुब्बी हमलों के प्रति अधिक संवेदनशील होता जा रहा है।

रिजवान

लेखक के बारे मेंरिजवानरिज़वान, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की है। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वन इंडिया, राजस्थान पत्रिका में काम किया। फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में इंटरनेशनल डेस्‍क पर काम कर रहे हैं। राजनीति और मनोरंजन की खबरों में भी रूचि रखते हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में काम का अनुभव करीब 8 साल है।और पढ़ें