अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में गैर-वातानुकूलित डिब्बों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह लगभग 70 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रेलवे गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग सहित आम जनता के लाभ के लिए मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों सहित किफायती किराया संरचना वाली बड़ी संख्या में ट्रेनें चला रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेल मंत्री ने बुधवार को कहा कि आम आदमी को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों में नॉन एसी कोचों की संख्या बढ़ाई गई है। अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में गैर-वातानुकूलित डिब्बों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह लगभग 70 प्रतिशत हो गई है। अगले 5 वर्षों में अतिरिक्त 17,000 गैर-वातानुकूलित सामान्य और शयनयान डिब्बों के उत्पादन के लिए एक विशेष विनिर्माण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है।
यात्रियों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि
भारतीय रेलवे ने सामान्य श्रेणी में यात्रा की मांग करने वाले यात्रियों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है। केवल पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, विभिन्न लंबी दूरी की ट्रेनों में 1,250 सामान्य डिब्बों का उपयोग किया गया है।
भारतीय रेलवे गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग सहित आम जनता के लाभ के लिए मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों सहित किफायती किराया संरचना वाली बड़ी संख्या में ट्रेनें चला रहा है।
अमृत भारत ट्रेनों के उत्पादन किया जा रहा है
मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने गैर-वातानुकूलित अमृत भारत सेवाएं और नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं शुरू की हैं, जो आबादी के एक बड़े हिस्से, विशेष रूप से निम्न आय वर्ग को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने 100 अतिरिक्त अमृत भारत ट्रेनों के उत्पादन का भी प्रावधान किया है।
वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सामान्य डिब्बों की अधिक उपलब्धता के कारण, सामान्य/अनारक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि का रुझान देखा गया है, जो 2022-23 में 553 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 609 करोड़ और 2024-25 में 651 करोड़ हो गई है।
दिल्ली-मथुरा ट्रैक पर ट्रेनों को मिला सुरक्षा ‘कवच’
रेलवे ने दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के अत्यंत व्यस्त मथुरा-कोटा सेक्शन पर ‘कवच-4.0’ प्रणाली को सफलतापूर्वक चालू कर दिया है। यह पूरी तरह स्वदेशी है, जिसे भारतीय इंजीनियरों ने डिजायन, विकसित एवं निर्मित किया है। अब सफर के दौरान रेल यात्रियों की सुरक्षा पहले से ज्यादा पुख्ता हो गई है।
छह वर्षों में देशभर के सभी प्रमुख मार्गों पर कवच को लगा दिया जाएगा- वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले छह वर्षों में देशभर के सभी प्रमुख मार्गों पर कवच को लगा दिया जाएगा। मथुरा-कोटा सेक्शन पर प्रतिदिन 160 से अधिक मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 110 मालगाडि़यां अप-डाउन दिशा में संचालित होती हैं। ऐसे में कवच लगाना तकनीकी रूप से ही नहीं, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी बड़ी उपलब्धि है। इस प्रणाली के शुरू होने से अब लोकोपायलट को कोहरे जैसी कम दृश्यता की स्थिति में केबिन से बाहर झांकने की जरूरत नहीं होगी।