रूस से भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम मिला हुआ है। रूस से फाइटर जेट खरीदने के लिए भी अमेरिका की बात चल रही है। इस पर ईरान से रिएक्शन आया है।

ईरानी राजनयिक सईद हुसैन मुसावियान ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत और रूस के रक्षा सौदे से जुड़ी रिपोर्ट साझा की है। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘रूस ने ईरान को Su-35 लड़ाकू विमान और S-400 वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) नहीं दी। इस तथ्य के बावजूद कि ईरान दशकों से दो परमाणु शक्तियों- अमेरिका और इजरायल के सैन्य हमले के खतरे में है और हाल ही में ये सच साबित हुआ जब इन दोनों देशों ने तेहरान पर हमला किया।’
रूस ने भारत को हथियार दे दिए
मुसावियान ने आगे कहा, ‘ईरान को रूस ने हथियार नहीं दिए लेकिन भारत को 117 Su-35M लड़ाकू विमान और तकनीक ट्रांसफर के साथ Su-57 के साझा उत्पादन की पेशकश की है। हालांकि भले ही भारत एक अमेरिकी सहयोगी है। यह मॉस्को की आलोचना नहीं है क्योंकि वह अपने रणनीतिक हितों के हिसाब से काम कर रहा है।’
सईद हुसैन मुसावियान ने कहा, ‘नाटो सदस्य तुर्की या अमेरिका का करीबी सहयोगी सऊदी अरब अगर रूस से Su-35, Su-57, या S-400 एयर डिफेंस मांगता है तो शायद अपने रणनीतिक हित के लिए मॉस्को इस पर सहमत होगा। यह वास्तविकता तेहरान को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की वास्तविकता और राष्ट्रीय हित की अनिवार्यता की बेहतर समझ हासिल करने में मदद कर सकती है।
क्या है रूस-भारत की डील
एरो न्यूज जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और भारत में पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर Su-57E और 4.5 जेनेरेशन के Su-35M की खरीद पर बात चल रही है। रूस की सरकारी कंपनी रोस्टेक और सुखोई की ओर से दिए गए प्रस्तुत प्रस्ताव में Su-57E के लिए तकनीक का ट्रांसफर की शामिल है। इससे भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ये विमान बनाने की अनुमति मिल जाएगी।
इस सौदे में भारतीय वायुसेना की घटती स्क्वाड्रनों को फिर से भरने की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए 20 से 30 Su-57E जेट की तत्काल डिलीवरी होगी। इसके अलावा रूस ने 114 जेट के लिए भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट टेंडर के हिस्से के रूप में Su-35M की पेशकश की है। ये Su-57E उत्पादन में तेजी आने तक एक समाधान की तरह है।