भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि एक्सिओम-4 मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटे गगनयात्री शुभांशु शुक्ला की सेहत को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। शुभांशु के प्रारंभिक स्वास्थ्य आकलन से संकेत मिलता है कि उनकी हालत स्थिर है। अंतरिक्षयात्रियों को एक सप्ताह के पुनर्वास कार्यक्रम ह्यूस्टन ले जाया गया ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि एक्सिओम-4 मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटे गगनयात्री शुभांशु शुक्ला की सेहत को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। शुभांशु के प्रारंभिक स्वास्थ्य आकलन से संकेत मिलता है कि उनकी हालत स्थिर है।
शुभांशु 15 जुलाई को धरती पर लौटे थे
शुभांशु 15 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से पृथ्वी पर लौटे हैं। शुभांशु समेत एक्सिओम-4 मिशन के चार सदस्यों को लेकर ड्रैगन अंतरिक्षयान कैलिफोर्निया तट पर उतरा था। अंतरिक्षयान से बाहर निकलने के तुरंत बाद रिकवरी शिप पर अंतरिक्षयात्रियों की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच की गई।
अंतरिक्षयात्रियों को एक सप्ताह के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें और माइक्रोगैविटी या सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी होगी
पुनर्वास गतिविधियों के तहत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है। अंतरिक्षयात्रियों की चिकित्सीय जांच, विशेष रूप से हृदय संबंधी मूल्यांकन और मनोवैज्ञानिक जांच की जा रही है। इसका संचालन एक्सिओम के फ्लाइट सर्जन द्वारा किया जा रहा है। इसमें इसरो के फ्लाइट सर्जन भी सहयोग दे रहे हैं।