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Who Is Meenakshi Jain? Former Du Professor, Padma Shri Awardee, Now Nominated To Rajya Sabha – Amar Ujala Hindi News Live

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Jul 13, 2025


Who is Meenakshi Jain: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने चार प्रतिष्ठित हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया है। इनमें डॉ. मीनाक्षी जैन, उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला और सदानंदन मास्टर का नाम शामिल है। इतिहास की गंभीर और शोधपूर्ण समझ रखने वाली प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. मीनाक्षी जैन को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। यह नामांकन न केवल उनके गहन शैक्षणिक योगदान को सम्मान देता है, बल्कि भारतीय इतिहास लेखन के क्षेत्र में एक वैचारिक बदलाव का संकेत भी है।

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डॉ. जैन, दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी, ICHR और ICSSR जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्रदान की।

इतिहासकार से संसद तक: डॉ. मीनाक्षी जैन का सफर

डॉ. जैन का शोध मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत पर केंद्रित रहा है। उन्होंने धार्मिक-सांस्कृतिक विकास पर गहन शोध किया है। उनके चर्चित शोध ग्रंथों में ‘राम और अयोध्या’, ‘दि बैटल फॉर राम’, ‘सती’, और ‘फ्लाइट ऑफ डीटीज एंड रिबर्थ ऑफ टेम्पल्स’ जैसी पुस्तकें शामिल हैं। इन सभी ग्रंथों में उन्होंने भारतीय धर्म, समाज और आस्था से जुड़े ऐतिहासिक पक्षों को प्रमाणों के साथ प्रस्तुत किया है। उनकी प्रमुख पुस्तकों में शामिल हैं:

  • देवताओं का पलायन और मंदिरों का पुनर्जन्म (2019): यह पुस्तक भारत में प्राचीन मंदिरों के विध्वंस, मूर्तियों की चोरी और उनके पुनर्निर्माण के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहलुओं पर केंद्रित है।
  • राम के लिए संघर्ष: अयोध्या में मंदिर का मामला (2017): अयोध्या विवाद से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों, दस्तावेजों और अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों का विश्लेषण करती है।
  • सती: ईसाई प्रचारक, बैपटिस्ट मिशनरी और उपनिवेशकालीन विमर्श में बदलाव (2016): सती प्रथा पर ब्रिटिश काल के दौरान बने दृष्टिकोण और उस पर धार्मिक व औपनिवेशिक राजनीति के प्रभाव को उजागर करती है।
  • राम और अयोध्या (2013): यह पुस्तक अयोध्या में श्रीराम के ऐतिहासिक अस्तित्व और वहां के धार्मिक महत्व पर गहन शोध प्रस्तुत करती है।
  • समानांतर रास्ते: हिन्दू-मुस्लिम संबंधों पर निबंध (2010): 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान हिन्दू-मुस्लिम संबंधों की जटिलताओं और सामाजिक-पारस्परिक प्रभावों का अध्ययन।

उन्होंने भारत पर विदेशी यात्रियों की दृष्टि पर आधारित The India They Saw नामक तीन खंडों वाली पुस्तक का भी संपादन किया है।

पद्मश्री से सम्मानित

भारत सरकार ने वर्ष 2020 में डॉ. मीनाक्षी जैन को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह सम्मान उन्हें उनके शोध कार्य, ऐतिहासिक लेखन और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया गया।

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