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World Snake Day: जिस गांव में चलता है किंग कोबरा का राज, वहां सांपों के ‘मुंह में हाथ’ दे रहा ये शख्स – world snake day agumbe field officer ajay giri rescuing king cobras in snake capital of india

Byadmin

Jul 16, 2025


कर्नाटक के छोटे से गांव अगुम्बे को ‘भारत की सांप राजधानी’ के नाम से जाना जाता है, जहाँ किंग कोबरा बहुतायत में पाए जाते हैं। अजय वी. गिरी, अगुम्बे वर्षावन रिसर्च सेंटर में फील्ड डायरेक्टर हैं, जो इन सांपों को बचाने और उनके बारे में रिसर्च करने में जुटे हैं।

Agumbe Forest
अगुम्‍बे के वर्षावन में अजय वी ग‍िरी क‍िंंग कोबरा को रेस्‍क्‍यू करने में लगे हैं।
अगुम्बे ..दक्षिण भारत वेस्टर्न घाट में बसा एक छोटा सा सुंदर गांव। महज 3 वर्ग किलोमीटर में फैले कर्नाटक के इस गांव की आबादी बमुश्किल 600 ही है। लेकिन पूरी दुनिया में यह पहचान बना चुका है। जानते हैं क्यों? किंग कोबरा, जी हां यहां इतने ज्यादा किंग कोबरा हैं कि इसे भारत में सांपों की राजधानी (Snake Capital of India) भी कहा जाता है।

यहां किंग कोबरा का राज चलता है। मगर एक शख्स है जो किंग कोबरा के घर में रहते हुए उन्हीं के परिवार का एक सदस्य सा बन गया है। साहस इतना कि जिन किंग कोबरा को सपने में देखकर भी शरीर कांप उठता है, यह शख्स उनके शरीर में माइक्रोचिप फिट करने में लगा हुआ है। अजय वी. गिरी महज 15 साल के थे, जब उन्होंने खतरनाक सांपों का रेस्क्यू करने की जिम्मेदारी उठा ली। अभी वह अगुम्बे वर्षावन रिसर्च सेंटर (ARRS) में फील्ड डायरेक्टर हैं। सांपों पर रिसर्च करने के साथ वह सांपों और इंसानों के बीच डर के माहौल को भी कम करने में लगे हैं।

पहले ही प्रोजेक्ट में किंग कोबरा से सामना

अजय 2009 में ARRS से जुड़ गए और अपने सपने को पूरा करने में लग गए। अपने पहले ही प्रोजेक्ट में उन्हें किंग कोबरा के शरीर में एक चिप साइज का ट्रांसमीटर लगाना था। इस ट्रांसमीटर का उद्देश्य किंग कोबरा की लाइफ के राज का पता लगाना था। दुनिया में अन्य वन्यजीवों के शरीर में जरूर ट्रांसमीटर फिट गए हैं, लेकिन यह पहला मौका था जब जहरीले किंग कोबरा के शरीर में इस चिप को लगाना था।

खुले चौंकाने वाले राज

इन ट्रांसमीटर की वजह से किंग कोबरा की जिंदगी के कई ऐसे राज खुले, जिनके बारे में सोचा भी नहीं गया था। एक नर किंग कोबरा अपनी ही प्रजाति की मादा कोबरा को मारकर खा गया। मादा कोबरा में ट्रांसमीटर फिट था, जिससे यह पता चल सका कि किंग कोबरा अपनी ही प्रजाति को भी खा जाते हैं। अजय अभी सिर्फ सांपों को बचाने का ही काम नहीं कर रहे बल्कि इंसानों और सांपों के बीच संघर्ष को कम करने और किंग कोबरा की जनसंख्या बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं।

आज है विश्व सर्प दिवस

आज 16 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व सर्प दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सांपों की खूबसूरत और अद्भुत दुनिया को सेलिब्रेट करने के लिए खासतौर से मनाया जाता है। दुनिया में 3000 से भी ज्यादा सांपों की प्रजाति है जबकि सिर्फ 600 ही जहरीले होते हैं।

अगुम्बे: कोबरा की राजधानी

कर्नाटक का अगुम्बे गांव अपने घने जंगलों के लिए मशहूर है। इसे दक्षिण भारत का ‘चेरापूंजी’ भी कहा जाता है क्योंकि यहां बारिश बहुत ज्यादा होती है। इसके साथ ही यहां सांपों की तादाद भी बहुत ज्यादा है। हालांकि सटीक नंबर का अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन यहां किंग कोबरा से सामना बहुत ही आम बात है। इसी वजह से इसे भारत में सांपों की राजधानी भी कहा जाता है।

घर में सांप निकले तो अजय को कॉल

अगुम्बे में सांप निकलने पर पहले अफरातफरी मच जाती थी। इस वजह से कई बार सांपों को मार भी दिया जाता था, लेकिन अजय ने लगातार लोगों को शिक्षित किया और समझाया कि वे बस दूर रहें और उन्हें कॉल करें। अब अगर किसी के घर में सांप निकलता है तो लोग सीधे अजय को कॉल करते हैं।

अम‍ित कुमार

लेखक के बारे मेंअम‍ित कुमार18 साल पहले प्र‍िंट से मीड‍िया में सफर की शुरुआत करने के बाद अभी ड‍िज‍िटल की दुन‍िया का ह‍िस्‍सा हूं। इस दौरान टीवी9, अमर उजाला, दैन‍िक ह‍िंदुस्‍तान, जनसत्ता और नई दुन‍िया जैसे प्रत‍िष्‍ठ‍ित संस्‍थानों में अपनी सेवाएं दीं। द‍िल्‍ली यून‍िवर्स‍िटी से ह‍िंदी में एम.ए. करने के साथ माखनलाल यून‍िवर्स‍िटी से पत्रकार‍िता में पीजी ड‍िप्‍लोमा क‍िया। वर्तमान में नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन के साथ यात्रा जारी है।और पढ़ें